भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बड़ी जतन सें जनम जे देलकै / खुशीलाल मंजर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:27, 5 अप्रैल 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=खुशीलाल मंजर |अनुवादक= |संग्रह=पछ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
बड़ी जतन सें जनम जे देलकै
माय के रिन छै भारी
हो बाबू रहबै हम्मु कुँवारी
ऐलै कलजुग घोर जे देखऽ
गांव सहरऽ में सोर जे देखऽ
घर एँगना में आगिन लहकै
लछमी खाड़ी दुआरी
कोय केकरऽ नै है जीवन में
कुछु नै जैतै केकरो संग में
विधना के विधि कोय नै बुझलकै
देलकै दुख दुखियारी