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हरिपुरधार / कुमार कृष्ण

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बुरास के घने जंगल में लाल फूलों से लदी
इस धरती की सबसे ख़ूबसूरत धार<ref>किसी पहाड़ की सबसे ऊँची जगह</ref> है हरिपुरधार<ref>हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले की एक ऊँची धार जहाँ भगियाणी देवी का मन्दिर बना है। वह चौपाल और सिरमौर के लोगों की कुल देवी है। शिमला के आस-पास के लोग उसे 'उलटी देवी' के नाम से जानते हैं। उनका मानना है कि वह कुछ लोगों के पीछे पड़कर उनका सुख-चैन छीन लेती है।</ref>
हरिपुरधार है आस्थाओं का अस्पताल
महाशक्ति का उत्तुंग शिखर
वह है नारी का सर्वोच्च सम्मान
किसी अबला के आक्रोश की आग है हरिपुरधार

रहती है वहाँ शिरगुल देवता की बहन-
भगियाणी माता
चौपाल के, सिरमौर के लोगों की कुल देवी
शिमला के लोग जानते हैं उसे 'उलटी देवी' के नाम से
कहते हैं-
वह भागती है कुछ लोगों के पीछे
छीन लेती है उनका सुख-चैन
कर देती है सर्वनाश
उसका नाम लेते ही डर जाते हैं कुछ लोग
जैसे डर जाते हैं मुजरिम पुलिस की पगड़ी से
डर जाते हैं लोग साँप का फन देखकर
दोस्तों-
जितनी बार मरेगी घुट-घुट कर कोई अबला

उतनी ही बार बनेगी वह भगियाणी देवी
डरते रहेंगे नींद में भी कुछ लोग

डरे हुए लोग खोजते हैं मन्दिर के अन्दर
भगियाणी देवी होने का सच
वे नहीं जानते-
भगियाणी देवी का सच मन्दिर के अन्दर नहीं
मन्दिर के बाहर-
हर गाँव, हर घर में मिलेगा
उसके मिलने की
सबसे बड़ी सम्भावना है वहाँ-
जहाँ अन्दर से बन्द रहते हैं दिन भर
घरों के दरवाज़े
जहाँ से नहीं आती कभी किसी के
हँसने की, रोने की आवाज़
जहाँ नहीं खनकतीं कभी चूड़ियाँ
देखती हैं बस बेचैन आँखें-
झरोखों से लगातार-
हरिपुरधार।

शब्दार्थ
<references/>