भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
चाँद में / दुःख पतंग / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:39, 11 मई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना जायसवाल |अनुवादक= |संग्रह=द...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
आकाश में
अकेला चाँद और
मैं छत पर नीचे
आकाश के
न तारे
न दोस्त
निश्चिंत और खुश
फिर भी मैं
ऐसा क्या है
चाँद में?