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मेरे विदेशी मित्र ने पूछा / अखिलेश्वर पांडेय

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सुना है तुम्हारे देश में
रेल की छत पर भी बैठते हैं लोग
मैंने फिल्मों में देखा है...

क्या तुम्हारे यहां
अब भी लिखी जाती हैं चिट्ठियाँ
क्या अब भी कोई इनमें दिल बनाके भेजता है
क्या कबूतर ले जाता है इसको
इंडिया में लेटर बाक्स को
पेड़ पर लटके देखा हमने
बीबीसी न्यूज चैनल पर...

दुनिया में जब इतनी चीजें हैं खाने को
तुम लोग एक रोटी के ही पीछे क्यों भागते हो
चूल्हे की एक रोटी खाकर
मिट्टी के घड़े का पानी पीकर
तुम सभी अब तक जिंदा हो!