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बचपन से पहले / राज रामदास
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बचपन से पहले
जवानी बीतगे
अब ना पूछ हमसे
दिन कटे है कैसे
पर्दा से छानल अँजोर में
परछाईं के छन्ना में
ओकर याद जियावत।