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अल्ला / भास्कर चौधुरी

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एक

अल्लापेड़ की तनों में
पत्तियों पंखुड़ियों
मकबरों में अल्ला
जगह जगह अल्ला
हर जगह अल्ला
अल्ला की ज़रूरत हर किसी को

बच्चों के उड़ रहे चिथड़ों में अल्ला
अल्ला को प्यारे बच्चे
बच्चों को प्यारे अल्ला !

दो

यज़ीदी यहूदी
ईसाई इस्लाम
तमाम धर्म
मान्यताएँ तमाम
कोई दिन में पाँच बार नमाज़ अता फरमाए
कोई रटे सर हिला-हिलाकर
धर्म की बातें
दिन में कम से कम पाँच बार
कोई छाती से चिपकाए रहे धर्म
कोई माइक पकड़कर चीखे धरम –धरम
कोई उठा ले बंदूक
ढांप कर आधा चेहरा
दोहराए धर्म की बात कोई
और कर दे खल्लास
मर्दों को दूसरे धर्म के और
औरतों लड़कियों और बच्चियों को
जो बलात्कार के काम आए
बची रहने दे जीवित
भूखी नंगी
मौत से बदतर...