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तैइयो केनाँ / कस्तूरी झा 'कोकिल'
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हम्में छेलियै उमिर में बड़ॅे
तोहें कैन्हें निकल हेॅ जी?
हरदम याद दिलाबै छेलिहौं
तैइयो कैनाँ भूलैलेंह जी?
बड़का रहते छोटकी जाय
ई तेॅ बड़का अत्याचार।
पूछबै जायकेॅ धर्मराज सें
बोलिए कैन्हें भ्रश्टाचार?
ब्रह्ममा, विष्णु, बभ, भोला केॅ
कहबै राम कहानी।
फेर बदल होतै नियम में
हो तै काम तूफानी।
तोंय चुप रहभौ हम्में हारबै
ये हौ पक्का मानोॅ
आपनों इच्छा सबसेॅ ऊपर
दुनिया भर में जानोॅ।
पैहिने फल झड़ै छै सुख लै
अली-कली झूलैॅ छै।
तोहीं बताबेॅ ई बात कैन्हेॅ
धर्मराज भूलै छै?
कोय हालत में हम नैं छोड़बैं,
होतै अजी सुधार।
कोय नैं कानतै बुक फाड़ी केॅ
रहते सदा बहार।
22/03/15 अपराहान-1.15