भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
माँ / मुकेश नेमा
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:46, 21 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश नेमा |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
माँ के किये से
बना ये संसार
उससे ही जन्में
सितारे और सूरज
पकड़ उँगली उसकी
चढ़े सारे पहाड
है नहीं अब वो
शेष भर हैं
टटोलना, अँधेरे