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मेरा देश महान / शिवशंकर मिश्र
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साँसों से आँधी उठती है, आहों से तूफान
और एक पत्ता न खड़कता, मेरा देश महान
राजनीति अलमस्त , प्रशासन भ्रष्टर, रीढ़ से हीन
कफन ओढ़कर सोयी जनता, मेरा देश महान
जो अतीत था, वर्तमान जो है, भविष्यो जैसा है
बस न काल का इस पर चलता, मेरा देश महान
आजादी की जय- जय बोलो, लोकतंत्र की जय-जय
गुंडाशाह फूलता-फलता, मेरा देश महान