मंगलवार / अमरजीत कौंके

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मंगलवार का दिन है
मंदिर के दरवाज़े के बाहर
बैठे हैं बच्चे
हाथ फैलाए

लोग आते
माथा टेक कर
बाँट देते
मन्नतें मांगा प्रसाद
हाथ फैलाए बच्चों के बीच
बच्चे खाते
खुश हो रहे

लोग खुश हैं
कि बाँट चले हैं
दुख अपना
छोटे-छोटे बच्चों के बीच

और बच्चे खुश हैं
कि बहुत दिनों बाद
आज मिला है
खाने को पेट भर।

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