भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

असंतुष्टों की आवाज / रेखा चमोली

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:37, 28 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रेखा चमोली |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कोशिश तो बहुत की उन्होंने
अच्छे से बोलें
चेहरे के हाव-भावों से
सामने वाला परेशान न हो
शारीरिक मुद्राओं में न दिखे असन्तुलन
पर ऐसा हो न सका देर तक
असंतुष्टों की आवाज
भला कैसे हो सकती है
धीमी और संयत।