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लफड़ा / मथुरा नाथ सिंह 'रानीपुरी'

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जन्नें देखऽ लफड़े-लफड़ा
सगठें झलकै बाँटे-बखरा
गीरै-बजड़ै, उछलै-कूदै
भांगै-फूटै खपड़े-खपड़ा।

जर्जर देहें चिथड़े-चिथड़ा
हड्डी-पसली टुकड़े-टुकड़ा
ई भगजोगनि जन्नें ऊड़ै
सगरो लागै नाजे-नखड़ा।

बात्हैं-बातें थपड़े-थपड़ा
चीरै-फांड़ै, कपड़े-कपड़ा
‘रानीपुरी’ प्राण हिलावै
मुँहऽ केरऽ ई जबड़े-जबड़ा

हाथी पेटें लकड़े-लकड़ा
आँखी मटकें रगड़े-रगड़ा
‘मथुरा’ मन्ने-मन तौलै छै
सभ्भे लागै तगड़े-तगड़ा।