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सासू घेघोॅ पतौहे अनसोॅ / मथुरा नाथ सिंह 'रानीपुरी'

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सासू धेवोॅ पतौहे अनसोॅ
वरोॅ केॅ मानोॅ बिगड़लै भानसोॅ।

सासू बातें लावै लट्ठा
ननदें करै हरदमें ठट्ठा
ससुरे बातें दै रे कनसोॅ।

बातें-बातें रगड़े राड़ा
रोजै होवै झगड़े-झगड़ा
उटक्हें पैंची गेलै भानसोॅ।

झग्ड़हे घर जावै छै टूटी
रंग प्रेम केॅ जावै छै छूटी
घोॅर फूटै छै देल्हें कनसोॅ।

नून-तेल नै खोंट लगावोॅ
बात बनाय न´् चोट लगावोॅ
घोॅर जी हँसे हँसे छ भानसोॅ॥