Last modified on 29 अगस्त 2017, at 19:33

टीनही बाटीमे / अविरल-अविराम / नारायण झा

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:33, 29 अगस्त 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नारायण झा |अनुवादक= |संग्रह=अविरल-...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आइ काल्हि
धनक ग्राफ
चढ़ि चुकलैए शीर्ष पर

हमरा
बुझैए लोक भीखमंगा
बुझैए लोक बताह
बुझैए लोक अपंग
बुझैए सभ हमरा बेकाजक
तेँ हमर टीनही बाटीमे
टनटना दैत अछि सिक्का
केयो-केयो नोटो
झहरैत रहैए दिन-राति
हमरा लेल लक्ष्मी

तृप्त करैए लोक
अपन-अपन आत्माकेँ
ओ लोक जोड़बैए नाम
दानवीरक सूचीमे
ओ लोक बनैए
धर्मक गबाह
शिलापट्टमे खोदबैए नाम
दयाक प्रतिमूर्ति सूचीमे

हम दिन-राति
लगौने रहै छी एकटक्क
के पझाओत पेटक आगि
नहि होइए फाँकल
सिक्का आ नोट
नहि सिझायल होइए
मुद्रा सँ दू कओर अन्न
नहि जानि ओ लोकनि
केना फँकैत छथि
हम नहि फाँकि पबै छी

आइ काल्हि
धनक ग्राफ
चढ़ि चुकलैए शीर्ष पर।