Last modified on 29 अगस्त 2017, at 19:41

पेटक लेल / अविरल-अविराम / नारायण झा

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:41, 29 अगस्त 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नारायण झा |अनुवादक= |संग्रह=अविरल-...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

देखै छी आइ-काल्हि
बेचि रहल अछि
बकरी अपन बच्चा
गीदड़क हाथे
पेट लेल मात्र
ओकर पेट
भ' गेलेए समुन्द्र
की जानि तहुस'
भरतै की नहि?