भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सेलिब्रिटी / प्रीति 'अज्ञात'

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:15, 29 अक्टूबर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रीति 'अज्ञात' |अनुवादक= |संग्रह= }}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

समझने लगे वे
खुद को सेलिब्रिटी
बड़े हो गए
तो आप जरा अदब से मिलें
करें दुआ- सलाम रोजाना
देखें उनकी ओर
कृपादृष्टि बरसने की उम्मीद लिए

एक पल को तो लगेंगे ये
बेहद अहंकारी, कुंठित
पर लेना जायजा कभी
इनके आसपास मौज़ूदा भीड़ का
पाओगे कुछ को
रोज मजमा लगाने वाले
मदारी की तरह
कुछ की हालत से
पसीजेगा भी ह्रदय
जब देखोगे इन्हें
किसी और के आगे-पीछे
हाथ बाँधे खड़े हुए
 
बोरिंग पासिंग गेम की तरह
बड़े-छोटे समझने का यह भ्रम
सृष्टि में सदियों से है जारी
आगे भी रहेगा
भटकती सभ्यता और
आखिरी मानव की
आखिरी साँसों के
बीत जाने तक

अब ये तुम पर है
कि ज़िंदगी की शतरंज में
स्वयं को कहाँ खड़ा
करना चाहोगे
बस डूबते सूरज को
ध्यान में रखना