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राम-लीला गान / 35 / भिखारी ठाकुर

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प्रसंग:

विवाहो के बाद ‘चारो’ भाई रामजी दुलहा के साथ होली खेलने के लिए योजना बनाती मिथिला की युवतियाँ।

रघुबर से खेलबि हम होरी सजनी! रघुबर से...
आपुस में जुवती बतिआवत जहँ-तहँ मिथिला के खोरी। सजनी! रघुबर से...
गारी गाइब, चारो दुलहा से हँसी में करब झकझोरी। सजनी! रघुबर से...
भरी पिचकारी अबीर चलाइब कलसी-कलसी घोरी। सजनी! रघुबर से...
एक ससुरार, दूसर फगुआ हऽ तीसरे उमर जोरातोरी। सजनी! रघुबर से...
आस हमार पूरा कब होइहन कहत ‘भिखारी’ करजोरी। सजनी! रघुबर से...