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भजन-कीर्तन: कृष्ण / 15 / भिखारी ठाकुर

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प्रसंग:

श्रीकृष्ण के गोकुल छोड़कर मथुरा जाने के बाद। भक्त को श्रीकृष्ण दर्शन की कामना।

नजरिया से एको छन विसरत नइखन श्याम।
ताकत राह चाह मोहन के दिन-रात आठो याम।
भूषण बसन असन प्रीतम बिनु लहकत बाटे धन-धाम॥
गोकुला त्यागि-लागि, कवने रिस कइलन मथुरा मोकाम।
कहत ‘भिखारी’ युगल चरनन में बार-बार प्रणाम॥