भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मुझमें शामिल / इंदुशेखर तत्पुरुष
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:56, 3 दिसम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=इंदुशेखर तत्पुरुष |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
पुराने खंडहर के
दबे पड़े संगीत में
शामिल सिसकियों की तरह।
अचानक टूट गये खिलौने की
खिसियानी हंसी में
शामिल आंसुओं की तरह।
मुझमें शामिल है कविता
और कविता में तुम।