Last modified on 26 दिसम्बर 2017, at 17:21

बारिश : एक / इंदुशेखर तत्पुरुष

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:21, 26 दिसम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=इंदुशेखर तत्पुरुष |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जी भर नहायी है
यह पहाड़ी
इस बार बारिश में
हरी हो गई तबियत
गोद भी।

यूं ही नहीं निखार
आता अंग-अंग में
उभरी पुष्ट शिलओं पर
सलोनी कालिमा।