Last modified on 5 फ़रवरी 2018, at 17:41

पटेल की स्मृति में! / कविता भट्ट

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:41, 5 फ़रवरी 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कविता भट्ट |अनुवादक= |संग्रह=मन के...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तिनका-तिनका बिखरे राष्ट्र को,
जोड़ा तुमने चहकते घोंसलें सा।

सम्बल दिया विकट घड़ी में,
सिसकते शिशु को बुलंद हौसले सा।

लौहपुरुष! हे नायक-अधिनायक!
राष्ट्रवाद, एकीकरण के परिचायक!

शत्-शत् नमन तुम्हें, हे! निजस्वार्थ से विमुख वैरागी।
कृषक-पुत्र अमर विभूति तुम दृढ़ देशानुरागी।