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ज्ञान मिलल सब बयस गँवाके / सच्चिदानंद प्रेमी

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ज्ञान मिलल सब बयस गँवाके।
डेग-डेग पर आग लगल हौ
दगिआयल कपड़ा सब फीके
कोई दाग छिपावे खातिर
जला रहलहे दीया घी के
तू भी झोटा दाढ़ बढ़ा के
नाचऽ जुग बल धन बल पा के
ज्ञान मिलल सब बसय गँवाके।