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आहट / राजेश शर्मा 'बेक़दरा'

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तुम्हारे आने की
हल्की सी आहट से
धड़कने बिखरने लगती हैं
गजल बनकर
ठीक उसी पल
जिंदगी अपने होने का
अहसास देती है
हाँ ठीक उसी पल
मेरी जिंदगी शुरू होती है!