वो जो भेजे थे,तुम्हे 
कागज के नही 
टुकड़े थे, दिल के मेरे
जो तुमने कभी पढ़े ही नही
पढ़े तो, कभी लिखे ही नही 
वो कुछ जवाब 
जो में चाहता था 
तुमसे!
वो जो भेजे थे,तुम्हे 
कागज के नही 
टुकड़े थे, दिल के मेरे
जो तुमने कभी पढ़े ही नही
पढ़े तो, कभी लिखे ही नही 
वो कुछ जवाब 
जो में चाहता था 
तुमसे!