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चलो कुछ खेल जैसा खेलें / महेश आलोक
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चलो कुछ खेल जैसा खेलें
थोड़ा- थोड़ा साहस थोड़ा- थोड़ा भय साथ-साथ रखें
थोड़ा-थोड़ा अनुचित थोड़ा-थोड़ा उचित
इतना प्रेम करें कि मजा यह भी हो कि थोड़ा-थोड़ा नैतिक
थोड़ा-थोड़ा अनैतिक होना अच्छा लगे
थोड़ी-थोड़ी सड़कें थोड़ी-थोड़ी खिड़कियाँ देह की अन्तिम कला में खोलें
थोड़ी-थोड़ी मृत्यु थोड़ा- थोड़ा जीवन
प्रेम के भीतर रखने का काम भी
गलत नहीं लगेगा ऐसे समय
इस कठिन समय में
चलो कुछ खेल जैसा खेलें