क्या कहोगे?
भर रहा है नीर टूटी नाव में —
यह जानकर भी
उसी पर आँख गड़ाए
सन्धि पर आता हुआ जल देखता-सा
डूबने की कल्पना से मुक्त
अपने आप में डूबा
अडिग — निश्चेष्ट जो बैठा हुआ हो छोड़कर पतवार
खेवनहार
उसको क्या कहोगे?
क्या कहोगे?
भर रहा है नीर टूटी नाव में —
यह जानकर भी
उसी पर आँख गड़ाए
सन्धि पर आता हुआ जल देखता-सा
डूबने की कल्पना से मुक्त
अपने आप में डूबा
अडिग — निश्चेष्ट जो बैठा हुआ हो छोड़कर पतवार
खेवनहार
उसको क्या कहोगे?