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नाव के पाँव / जगदीश गुप्त
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नाव के पाँव
रचनाकार | जगदीश गुप्त |
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प्रकाशक | विश्वविद्यालय प्रकाशन, गोरखपुर |
वर्ष | 1955 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविता |
विधा | नई कविता |
पृष्ठ | 79 |
ISBN | |
विविध |
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इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
नाव के पाँव
- आस्था / जगदीश गुप्त
- अव्यक्त चुम्बन / जगदीश गुप्त
- तुम्हारा आगमन / जगदीश गुप्त
- अट्टहास / जगदीश गुप्त
- टूटा शीशा / जगदीश गुप्त
- नखत की परछाँईं / जगदीश गुप्त
- वर्षा और भाषा / जगदीश गुप्त
- पुतली / जगदीश गुप्त
- अतृप्ति / जगदीश गुप्त
- पानी गहरा है / जगदीश गुप्त
- मध्यस्थ / जगदीश गुप्त
- अभिव्यक्ति का संकट / जगदीश गुप्त
- बिखरा हुआ अहम् / जगदीश गुप्त
- अन्धेरा और पथरीला दर्द / जगदीश गुप्त
- ज्योति के कण / जगदीश गुप्त
- अक्षर और आकृति / जगदीश गुप्त
- कहा सुना / जगदीश गुप्त
- पहेली / जगदीश गुप्त
- क्या कहोगे / जगदीश गुप्त
- अधखुले द्वार / जगदीश गुप्त
- चेतना की पर्त / जगदीश गुप्त
- तितली के पंख / जगदीश गुप्त
- प्यार का सपना / जगदीश गुप्त
- एक डाल थी / जगदीश गुप्त
- सिन्दूरी सबेरा / जगदीश गुप्त
- पुरवा के झोंके / जगदीश गुप्त
- लो फिर सुनो / जगदीश गुप्त
- गंगा के तट पर एक खेत / जगदीश गुप्त
- भेद / जगदीश गुप्त
- एक प्रश्न / जगदीश गुप्त
- पारिजात / जगदीश गुप्त
- चान्दनी और बादल / जगदीश गुप्त
- नाव के पांव / जगदीश गुप्त
टूटती लहरें
- ये ज़िन्दगी के रास्ते / जगदीश गुप्त
- सच हम नहीं सच तुम नहीं / जगदीश गुप्त
- लोग कहते हैं / जगदीश गुप्त
- इस बार / जगदीश गुप्त
- गीत / जगदीश गुप्त
- दो मुक्तक / जगदीश गुप्त
- गीत — मैंने पुकारा फिर तुम्हें / जगदीश गुप्त
- गीत — मधुरिमे ! फिर आज तुमसे माँगता हूँ शक्ति / जगदीश गुप्त
- अजानी छाँह / जगदीश गुप्त
- गोरी रात / जगदीश गुप्त
- गीत — क्षीर-सागर में नहाकर लौट आई रात / जगदीश गुप्त
- गीत — यह चान्द ज्योति का कमल-फूल / जगदीश गुप्त
- गीत — यह रुपहली छाँह वाली बेल / जगदीश गुप्त
- गीत — सुकुमार चाँदनी रही झूल / जगदीश गुप्त
- गीत — इस समीरन में मिली होगी तुम्हारी साँस भी / जगदीश गुप्त
- गीत — यह चन्दन-सा चान्द महकता, यह चान्दी-सी रात / जगदीश गुप्त
- गीत — वह रात अमर / जगदीश गुप्त
- गीत — चान्दनी और चान्द / जगदीश गुप्त
- आओ / जगदीश गुप्त
- जुन्हाई / जगदीश गुप्त
- दो वर्षा-गीत / जगदीश गुप्त
- दामिनी / जगदीश गुप्त
- तुम्हारा साथ / जगदीश गुप्त
- टूटती लहरें / जगदीश गुप्त