पूँछ कुतर डाली चूहों ने,
बिल्ली थी जब सोई;
तब मंदिर में जाकर वह
ईश्वर के आगे रोई।
ईश्वर बोले- ‘बचकर रह तू
कलियुग के चूहों से,
नहीं छोडते भोग-चढ़ावा
मेरा भी, मुँहझौंसे’।
[चमाचम, अप्रैल 1975]
पूँछ कुतर डाली चूहों ने,
बिल्ली थी जब सोई;
तब मंदिर में जाकर वह
ईश्वर के आगे रोई।
ईश्वर बोले- ‘बचकर रह तू
कलियुग के चूहों से,
नहीं छोडते भोग-चढ़ावा
मेरा भी, मुँहझौंसे’।
[चमाचम, अप्रैल 1975]