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देवी गीत 6 / रामरक्षा मिश्र विमल

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पूरिके चउक धइके कलसा अंगनवा बोलाईंले
माई चाहीं किरिपा के कोर , हम बोलाईंले.
 
भगतन के पति बेरि मनसा पुरवलीं
मान राखे खातिर अपना गोदियो खेलवलीं
 
चंड मुंड रक्तबीज महिषा के मरलीं
सुर नर मुनि भक्त सभके उबरलीं
 
दउरी में लाल फूल मलिया ले आइल
अछत चंदन सङे दवनी रङाइल
 
भरि गइल टोला आ पड़ोस से अङनवा
भरि आइल खुशी से विमल के नयनवा