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छुम छननन छन गाये पयलिया / मृदुला झा

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छुम छननन छन गाये पयलिया,
अभिनव गीत सुनाये प्यलिया।

रैन अंधेरी राह न सूझे,
सबके होश उड़ाये पयलिया।

हर पल उनकी याद सताये,
झनक सुना भरमाये पयलिया।

अमुआ की डाली झूले लगे,
कजरी गा तरसाये पयलिया।

उमड़-उमड़ नित गरजे बदरिया,
विरहन मन तड़पाये पयलिया।