भील लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
खोलो-खोलो वो माता खोलो वो किंवाड़।
खोलो-खोलो वो माता खोलो वो किंवाड़।
तारा आँगणें वो माता नर्याल वो दुइ चार।
तारा आँगणें वो माता नर्याल वो दुइ चार।
खोलो-खोलो वो माता खोलो वो किंवाड़।
खोलो-खोलो वो माता खोलो वो किंवाड़।
तारा आँगणे वो माता बुकड़ा वो दुइ चार।
तारा आँगणे वो माता बुकड़ा वो दुइ चार।
खोलो-खोलो वो माता खोलो वो किंवाड़।
-हे माता1 दरवाजा खोलो। हे माता! तेरे आँगन में दो-चार नारियल हैं। हे माता! तेरे आँगन में दो-चार बकरे हैं। माता को भेंट के लिए दो-चार नारियल और दो-चार बकरे लेकर आये हैं।