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चूड़ा गीत / 2 / राजस्थानी
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राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मैं तो नगर नगर सब हेरिया जी,
म्हारी छावनी रे जोड़ रो कोई नहीं मुलक में जी,
शहर में गुलाबी चूड़ो वापर्यो जी।
मैं तो सुसराजी सुसराजी सब हेरिया जी,
म्हारा सुसराजी री जोड़ी रो कोई नहीं मुलक में जी।
शहर में गुलाबी चूड़ो वापर्यो जी।
मैं तो जेठसा जेठसा सब हेरिया जी,
म्हारा जेठसा री जोड़ी कोई नहीं मुलक में जी।
शहर में गुलाबी चूड़ो वापर्यो जी।
मैं तो देवरजी देवरजी सब हरिया जी,
मैं तो ननदोई ननदोई सब हेरिया जी,
म्हारा देवरजी ननदोई री जोड़ी कोई नहीं मुलक में जी।
शहर में गुलाबी चूड़ो वापर्यो जी।
मैं तो सायबजी सायबजी सब हेरिया जी,
म्हारा सायबजी री जोड़ी कोई नहीं मुलक में जी।
शहर में गुलाबी चूड़ो वापर्यो जी।