Last modified on 7 सितम्बर 2018, at 18:09

बिहाणा चूनड़ी / 2 / राजस्थानी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:09, 7 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKLokRachna |भाषा=राजस्थानी |रचनाकार= |संग्रह= }} {{KKCatRajasthaniRachna}} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रातां फूला चून्दड़ी कोई धोलाजी जायल रा फूल रातड़ल्या रंग चूंदड़ी।
घर आया सूरज जी पूछे है गोरी ये थाने बालो कूण।
बालपणा म्हारी माता प्यारी पाछे जी कोय जलहर बाप।
अपने पियारा लागे बीराजी कोई चौथोजी म्हारी भाभी रो साथ।
यां बातां सूं गौरी खारा लागो देस्यां ये थाने पिहर पहुंचाया।
पहला पियारा म्हारा सुसराजी लागे दूजा तो सासूजी ओ राज।
भर जोवन केसरिया प्यारा पाछे जी जणियोड़ो पूत।
या बाता सू गौरी प्यारा लागो थाने रख्स्यां म्हें हिवड़ा रो हार।