भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बना के गीत / 22 / राजस्थानी
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:49, 8 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKLokRachna |भाषा=राजस्थानी |रचनाकार= |संग्रह= }} {{KKCatRajasthaniRachna}} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बन्ने का शृंगार गीत
बाबा थाने भला सिणगारया,
थांकी दादी ने जान (बरात) मंे ले चालो जी,
बन्ना ने फूल बराबर राखूंजी, लाडला ने कलियां बराबर राखूं जी।
नोट- इसी प्रकार सभी के नाम लेकर गीत गाने का आनंद उठाएं।