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थाम के गीत / 2 / राजस्थानी
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राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
घड़ी दोय मायां हेटे आवो थे बाबोसा हुई छे धरम बेल्यां जी
करम तुम्हारो हे बाई धरम हमारो। बेटी परणाय जस लेस्यां जी।
घड़ी दोय मायां हेटे आवो। न काकी सा हुई छै धरम की बेल्या जी।
करम तुम्हारो है बाई धरम हमारो बेटी परणाय जस लेस्यां जी।
घड़ी दोय मायां हेटे आवो थे बीराजी हुई छे धरम बेल्यां जी
करम तुम्हारेा है बहण धरम हमारो। बहण परणाय जस लेस्यां जी।
घ् घड़ी दोय मायां हेटे आवो थे नानाजी हुई छे धरम बेल्यां जी
करम तुम्हारो हे बाई धरम हमारो। बेटी परणाय जस लेस्यां जी।
घड़ी दोय मायां हेटे आवो थे मामाजी हुई छे धरम बेल्यां जी
करम तुम्हारो हे बाई धरम हमारो। बेटी परणाय जस लेस्यां जी।