Last modified on 17 सितम्बर 2018, at 17:59

चाह / शिवराम

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:59, 17 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवराम |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

वह
तट खोज रहा है
मैं
समन्दर
वह
दो गज ज़मीन
मैं
दो पंख नवीन
उसे शांति की चाह है
मुझे बगावत की