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चाहे मुझे पागल करार दिया जाए / रवि कुमार
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कोई यदि पूछेगा
सबसे बेहतर रंग कौनसा है
मैं कहूँगा मिट्टी का
यदि कोई पूछेगा
सबसे दिलकश गंध किसकी है
मैं कहूँगा पसीने की
कोई यदि पूछेगा
स्वाद किसका सबसे लज्जत है
मैं कहूँगा रोटी का
यदि कोई पूछेगा
स्पर्श किसका सबसे उत्तेजक है
मैं कहूँगा आग का
कोई यदि पूछेगा
किसकी आवाज़ में सबसे ज़्यादा खनक है
मैं कह उठूंगा मेरी ! तुम्हारी !
चाहे मुझे पागल करार दिया जाए