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हे खून हमर रग में भी / उमेश बहादुरपुरी
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हे खून हमर रग में भी समझल न´् करऽ पानी।
सबसे पहिले दोस्त हमर हम ही हिंदुस्तानी।।
आजाद वतन के पक्षी ही बोलऽ ही प्यार के भाषा।
प्यार हमर मजहब हे, हे प्यार हमर परिभाषा।
ही अप्पन मन के राजा हम हम ही राजाजानी।। सबसे ....
पहरेदार अमन के ही न´् हमरा समझऽ मुँहचोर।
पहरेदार वतन के ही न´् हमरा समझऽ कमजोर।
कमजोर समझे के हमरा तूँ न´ करिहा नादानी।।
होवे वतन के बदनामी ई हमरा न´् मंजूर।
नहला पर दहला मारब ई हे हम्मर दस्तूर।
हम तोहरा बतला देही अंदाज हमर तूफानी।।