Last modified on 9 जुलाई 2019, at 20:41

मै तनहा नहीं हूँ / सुनीता शानू

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:41, 9 जुलाई 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुनीता शानू |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

लिपटी हूँ यादों से तुम्हारी
मै तनहा नही हूँ

मेरा हंसना, मुस्कुराना
रह-रह कर ठहाके लगाना
भुला देगा एक दिन
तेरा आना-चले जाना
छिपा ही लेगा शायद
शाम की गहराई में
रूठना-मनाना
लेकिन
साथ रहती हूँ परछाईं बन
सुनों
मै कहाँ नही हूँ

अच्छा छोड़ो
इन बेहिसाब यादों का हिसाब
रूक-रूक कर चलती
साँसों का हिसाब
और हिसाब उन
इंतजार के पलों का भी
जब-

तुम्हें तलाशती नज़रें
बेहाल होती धड़कने
पूछती हैं
आवाज़ देती हैं
तुम आओ तो ठहरूं
थोड़ा रुक जाऊँ-
 
लेकिन मै
कभी थकती ही नही हूँ।