सड़क पर सब केहू द उड़े खुड़पेड़िया समय बचावेले सांप नीहर ई छिलबिल छिलबिल सबका मन के भावेले उबड़ खाबड़ ऊँच नीच जीवन हमनी के सिखावेले मंजिल पर बिन समय गँववले ई सभका के पँहुचावेले। लालच बढ़ल अ इसन डरेर बनत गइल छोट मिट गइल खुड़पेड़िया