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कोई निगाह भी न फेरेगा / जेम्स फ़ेंटन

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दक्षिण के गेट में

बस तुम्हारा इंतज़ार कर रही है

वह तुमको तुम्हारे वंशजों के पास ले जाएगी

जो पहाड़ियों के सामने हैं

दमकता हुआ सुंदर

और संजीदा टुकड़ा तुम्हारा आवास है वहां

क्या तुम शर्माती हो

होना भी चाहिए शर्मीला

यह लगभग एक शादी जैसा ही है

फूल पकड़े हैं जिस तरह

और घूंघट लपेटा हुआ

और ओह ये दुल्हन की सखियां

मुमकिन है तुम इनसे पहले रोज़ तो

दूर ही रहना चाहोगे

लेकिन ये वक़्त गुज़र जाएगा

और दूर नहीं है श्मशान

ये लो आ गया बस का ड्राइवर

उसकी तुम पर नज़र? तक नहीं पड़ी

वह अब भी जीभ तलाश रहा है

दांतों के बीच

देखो उसने तुम्हारी ओर निगाह डालनी भी

मुनासिब नहीं समझी

और दूसरों ने भी नहीं समझी

ये सब गुज़र जाएंगे

सबके सब

कोई फ़टक कर नहीं आएगा पास