भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

यही बेहतर है / जेम्स फ़ेंटन

Kavita Kosh से
सम्यक (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:48, 21 सितम्बर 2008 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=जेम्स फ़ेंटन |संग्रह=जेम्स फ़ेंटन चुनिंदा क...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: जेम्स फ़ेंटन  » संग्रह: जेम्स फ़ेंटन चुनिंदा कविताएँ
»  यही बेहतर है

एक विधवा के लिए

यही बेहतर है कि वह

अफ़सोस के डर के साथ

ज़िदगी न बसर करे

एक नौजवान के लिए

यही बेहतर है कि वह

घूम सके आर्मचेयर में

बड़ी उदारता के साथ

रात की मद्धिम रोशनी में झुकी हुई

इन आकृतियों के लिए भी

यही बेहतर है कि उनको भूत न समझें

इनके लिए भी बेहतर है कि ये

घर के लिए रुख़सत कर दें

बस इंतज़ार में है

और ऊपर के टेरिस में बैठे

काम करने वाले

तोड़ रहे हैं

मृत लोगों के घरों को