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संग मेरे हँसोगे ये उम्मीद है / विष्णु सक्सेना

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संग मेरे हँसोगे ये उम्मीद है।
साथ ग़म में भी दोगे ये उम्मीद है।

दिन ढला रात ले आयी तन्हाईयाँ
तुम भी तारे गिनोगे ये उम्मीद है।

हाथ उठाओ हर एक की मदद के लिए
तुम भी फूलो फलोगे ये उम्मीद है।

वक़्त जैसा भी हो राह कोई भी हो
तुम सम्हल कर चलोगे ये उम्मीद है।

मन से धागा हूँ मैं तन से हो मोम तुम
मैं जलूँ तो गलोगे ये उम्मीद है,

उम्रभर तुमको मैं यूँ ही बाचूँगा पर,
तुम भी मुझको सुनोगे ये उम्मीद है।