Last modified on 13 दिसम्बर 2021, at 07:47

समयावधि / निकानोर पार्रा / उज्ज्वल भट्टाचार्य

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:47, 13 दिसम्बर 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निकानोर पार्रा |अनुवादक=उज्ज्वल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सैन्टियागो, चिली में
दिन बेहद लम्बे होते हैं :
एक ही दिन में कई-कई शाश्वत काल ।

समुद्री घास बेचने वालों की तरह
खच्चर की पीठ पर सवार
तुम जम्भाई लेते हो – और जम्भाई लेते हो।
.
जबकि हफ़्ते छोटे होते हैं
महीने भागते जाते हैं
और साल तो उड़ते चले जाते हैं ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य