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अश्लीलता / देवेन्द्र आर्य

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फ़ोटो में होती
तो सारे कैमरे अश्लील होते

रेखाओं में होती
तो सारे चित्रकार अश्लील होते
शब्दों में होती तो सारी कविताएँ अश्लील

भाव में होती
तो प्रेम एक अश्लील शब्द होता
यौवन में होती
तो साल भर की बच्ची से बलात्कार न होता
देह में होती
तो जचगी सबसे अश्लील क्रिया होती

औरत में होती अश्लीलता
तो माँ का अस्तित्व ही न होता

समय में होती तो जो दिन में अश्लील लगता है
रात में श्लील न लगता
पाठ में जो अश्लील लगता है बिस्तर पर कत्तई नहीं

अश्लीलता अंग में होती है कि कपड़े में
कि रिश्ते में
अश्लीलता सम्बन्ध होने से पहले होती है
कि सन्तुष्टि के बाद  ?

अश्लीलता होती तो है पर कहाँ होती है
अश्लील सबजेक्ट है कि आब्जेक्ट  ?