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तूफ़ान / मरीया पॉलइकोव्स्की-यास्नोझेव्स्का / अनिल जनविजय
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आकाश भयानक गुस्से में है
काले बादलों का जमघट लगा है
गड़गड़ा रही है सौदामनी बिजुरी
वृक्ष प्रसन्न हैं कि उन्हें
हल्ला-गुल्ला करने का मौक़ा मिला है ।