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रक्त का संचार है पर्यावरण / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
रक्त का संचार है पर्यावरण
साँस की रफ़्तार है पर्यावरण
मन खिले, आँगन खिले, उपवन खिले
प्रकृति का श्रृंगार है पर्यावरण
फूल, फल या छाँव की ख़्वाहिश तो फिर
समृद्धि का भी द्वार है पर्यावरण
जन्म से लेकर मरण तक साथ दे
ज़िन्दगी का सार है पर्यावरण
उन परिन्दों के लिए भी सोचिए
उनकी भी दरकार है पर्यावरण
पेड़ रोते हैं कुल्हाड़ा देखकर
किस क़दर लाचार है पर्यावरण
कम से कम गमले में ही पौधे लगा लें
क्योंकि ये आधार है पर्यावरण