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सकारात्मकता जादू / रश्मि प्रभा

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जीवन की नकारात्मकता
हमारी किस्मत नहीं होती
हम ही उसमें जीने लगते हैं,
फिर
मेरा नाम जोकर की तरह
हंसते हुए रोते हैं
और सबसे पूछते हैं -
क्या तुमने मेरा दिल देखा है ?!!!
यह दिल तो हमारा है
कोई और क्यों देखेगा ?
'दिल तुम्हारा है ' ...
यह सब बचपना है,
साठ, सत्तर की उम्र में भी
अगर यही सोचता है
और रोता है
तो जो भी कहो,
बेवकूफ़ ही है ।
सच है,
दुःख मिलता है - बहुत मिलता है
अपने पराए हो जाते हैं
लेकिन जीवन में सिर्फ़ यही तो महत्वपूर्ण नहीं है न ।
मन की सुनो
ध्यान से सुनो...
पता चलेगा कि
अच्छाई के नाम पर हम कितना ग़लत कर रहे थे,
पांच प्रतिशत ही जो दुःख था
उसका प्रतिशत
सामने वाले ने नहीं,
हमने बढ़ाया,
खुद तौला
और हंसना भूल गए !!!
हंसकर देखो,
सिर्फ़ अपनी खातिर
सकारात्मकता का जादू होता है।