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साँसों में दर्द भरा है/ विनय प्रजापति 'नज़र'

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तुम दुआ करो अपने प्यार के लिए
मैं दुआ करूँ अपने प्यार के लिए,

फिर देखें दुआ किसकी क़बूल होती है!

रचनाकाल : 2004