टहल रहे हम साथ आज; मैं, मेरी बिटिया
कितनी उजली पकड़ हाथ की उस के पूरे
मेरी इस उंगली पर
आजीवन आलोक-वलय यह
इस हड्डी के गिर्द करुंगा अनुभव मैं, जब
हो जाएगी बड़ी- आज से दूर, कि जैसे
दूर देखती आँखें उस की अभी, आज ही
अंग्रेज़ी से अनुवाद : रमेशचंद्र शाह